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शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

कार्टून्स कर्नाटक

कार्टून्स  2015
आईआईसी (इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़  कार्टूनिस्ट्स’) द्वारा बंगलुरू मेँ 'कार्टून्स  2015 कर्नाटक' प्रदर्शनी आयोजित की जा  रही है । यह प्रदर्शनी 31 अक्टूबर से 14 नवंबर, 2015 तक चलेगी।
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मंगलवार, 8 सितंबर 2015

सदाबहार

सदाबहार कार्टून
बंगलोर में एक वरिष्ट कार्टूनिस्ट एसडी फ़ड़नीस के सदाबहार कार्टूनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। यह र्काटून प्रदर्शनी ०५ से २६ सितम्बर, २०१५ तक लाफ़िंग गैलरी में आयोजित होगी। ’इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़  कार्टूनिस्ट्स’ द्वारा एसडी फ़ड़नीस को  सन २००१ में  ’लाइफ़ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया था।
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अभी प्राप्त जानकारी के अनुसार कान्तेश बादीगर की कार्टून प्रदर्शनी’वक्र किरन’ किन्ही कारणों से स्थगित कर दी गयी है।      
• वीजी नरेन्द्र, ट्रस्टी प्रबंध,
इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, # 1, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन,
एमजी रोड, बंगलौर-560001
फोन: 080-41758540, मोबाइल: 9980091428
वेबसाइट: www.cartoonistsindia.com
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com, cartoonistsindia@gmail.com
http://www.facebook.com/pages/Indian-Institute-of-cartoonists/249178643402

शुक्रवार, 28 अगस्त 2015

प्रदर्शनी

कार्टून प्रदर्शनी 
बंगलुरु की इण्डियन कार्टून गैलरी में कान्तीश बादीगर के कार्टूनों की प्रदर्शनी का आयोजन 

सोमवार, 27 जुलाई 2015

कलाम

कार्टून के पक्षधर कलाम नहीं रहे
सोमवार, २७ जुलाई को भारत ने एक और रत्न को खो दिया है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम अब हमारे बीच नहीं रहे। पूर्व राष्ट्रपति व  वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दूल कलाम आईआईएम शिलांग में छात्रों को एक संबोधित करते अचानक हुए गिर गए थे। अंग्रेजी समाचार वेबसाइट दि क्विंट ने इस खबर की पुष्टि की है।  
द क्विंट के मुताबिक, बैथेनी हॉस्पिटल के सीईओ डॉ.जॉन सेलो ने फोन के माध्यम से बताया कि डॉ. कलाम का निधन हो गया है। 
बेथैनी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर डेविड सैलो ने बताया कि शाम ७ बजे डॉ.कलाम को असपताल में इलाज के लिए लाया गया था। उन्होंने बताया कि डॉ.कलाम को बचाने की पूरी कोशिश की गयी। लेकिन उनकी जान नहीं बचायी जा सकी। शाम ७.४५ मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। 
डॉ.सेलो से जब मौत के कारणों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मौत के कारणों के बारे में कहना मुश्किल है लेकिन यह एक हार्ट अटैक की घटना हो सकती है।
कार्टून न्यूज़ हिन्दी की ओर से उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!

त्र्यम्बक शर्मा, कार्टून पर हस्ताक्षर करते कलाम साहब और चन्दर
१. वैज्ञानिक कलाम का बचपन (कार्टून: चन्दर), २. जब कलाम ने कहा कि अखबार में पहले पन्ने पर ही छपें कार्टून (कार्टून: चन्दर), ३. इसी अवसर पर कार्टूनिस्ट चन्दर ने उन्हें कैरीकेचर भैंट किया। ४. कैरीकेचर और कलाम

मरिओ

मारिओ की जेबी दुनिया
विश्व प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट मारिओ मिराण्डा के इकॉनॉमिक टाइम्स के लिए बनाये कार्टूनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। बंगलुरु स्थित इण्डियन कार्टून गैलरी में २९ अगस्त २०१५ को प्रात: १० से सायं ६ बजे तक आयोजित होने वाली इस ‘पॉकेट (जेबी) कार्टूनों’ की प्रदर्शनी में आप सादर आमन्त्रित हैं।
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वीजी नरेन्द्र, ट्रस्टी प्रबंधक, 
इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, 
# 1, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन, 
एम.जी.रोड, बेंगलूर 560001 बंद 
फोन: 080-41758540, मोबाइल: 9980091428 
वेबसाइट: www.cartoonistsindia.com 
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com 
cartoonistsindia@gmail.com 
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बुधवार, 22 जुलाई 2015

टॉम मूरे

कार्टूनिस्ट मूरे नहीं रहे
टैक्सास (अमेरिका)। प्रख्यात कॉमिक्स आर्ची को वर्षों अपनी कलम से सजाने वाले कार्टूनिस्ट टॉम मूरे नहीं रहे। 86 वर्षीय मूरे ने अमेरिका के टेक्सास में अंतिम सांस ली। मूरे के बेटे का कहना है कि पिछले हफ्ते ही पिता को गले के कैंसर का पता चला था और उन्होंने इलाज न करवाने का फैसला लिया था।
उनका कहना था कि वह हमेशा छह माह का काम एडवांस में करके रखते हैं। जैसे क्रिसमस का अंक जून में ही बना लिया करते हैं। बीच स्टोरी तब बनाते हैं, जब खिड़की के बाहर बर्फ जमी होती है।
अमेरिकी नेवी में काम कर चुके मूरे ने कोरियाई युद्घ के दौरान कार्टून को अपनी कलम से कागज पर उतारा था। आर्ची कॉमिक्स 1941 से शुरू हुई थी, लेकिन मूरे ने इसकी बागडोर 1953 में संभाली। मूरे के बनाए आर्ची, एंड्र्‌यूज और उसके दोस्तों के कार्टून वाली कॉमिक्स की 1960 में पांच लाख कॉपी बिकी थी जो उस समय का रिकॉर्ड था। 1996 में एक अखबार से बातचीत में मूरे ने कहा था कि वह एक माह में एक कॉमिक बुक निकालते हैं। 

प्रतियोगिया

कैरीकेचर प्रतियोगिता
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शनिवार, 20 जून 2015

चैप्लिन वर्ष

चार्ली चैपलिन लाइन्स
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विश्व चार्ली चेप्लिन के जन्म की 125 वीं वर्ष पर 
फ़िल्मी जीवन में व्यंग्य की कथा के साथ-साथ 
उनकी स्क्रीन पर उपस्थिति का 100 वां वर्ष 
मनाने के लिए सन 2015 को चार्ली चैपलिन 
वर्ष के रूप में मना रहा है। 
इस हेतु हास्य रेखाओं के रचनाकार उन्हें 
श्रद्धांजलि देने के लिए हास्य गुरु चार्ली 
चैपलिन पर कार्टून और हास्य चित्र के साथ 
इस उपक्रम में शामिल हुए हैं। कुल 500 से 
भी अधिक वरिष्ठ पेशेवर, शौकिया 
और नवोदित कार्टूनिस्टों के साथ 
मुम्बई में चार्ली चेप्लिन के साथ 
पानी में तैर रहे हैं। इनमें से कुछ 
( लगभग 200) कार्टून एक विशेष 
पुस्तक में शामिल किए जाएंगे। 
‘चार्ली चैपलिन लाइन्स’ के रूप में 
सबसे पहले भारत में चार्ली चैपलिन वर्ष 
समारोह के हिस्से के रूप में 25-27 जून 
से NCPA मुंबई में कार्टून/करिकेचर प्रदर्शनी 
आयोजित की जा रही है। कृपया चयनित 
200 कार्टूनिस्टों सूची देखें। कार्टूनिस्ट 
के उत्साह भरे योगदान पर सभी का आभार। 
• कार्टूनिस्ट सुधीर नाथ  
(सचिव, चैपलिन भारत फोरम), 125, बाग़वान अपार्टमेंट्स, 
जी एच / 2, सेक्टर 28, रोहिणी, दिल्ली - 110 042 
फ़ोन 09968996870, 09868264230, 011-27822765 
http://www.facebook.com/cartoonistsudheernath  
http://cartoonistsudheer.blogspot.com/  




होगार्थ

विलियम होगार्थ के कार्टून
इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स की कार्टून गैलरी में विलियम होगार्थ के कार्टूनों की एक प्रदर्शनी  जुलाई २०१५ (समय प्रात: १०.०० से सायं ०६.०० तक) को बंगलौर में आयोजित की जा रही है। 
होगार्थ को आधुनिक राजनीतिक कार्टूनों के प्रवर्तक के रूप में माना जाता है। 
आप सादर आमन्त्रित हैं। 


वीजी नरेन्द्र, ट्रस्टी प्रबंधक, इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, बंगलुरु, 
1, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन, एम.जी.रोड, बंगलूर 560001 
फोन: 080-41758540, मोबाइल: 9980091428 
वेब स्थल: www.cartoonistsindia.com 
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com 
cartoonistsindia@gmail.com 
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गुरुवार, 28 मई 2015

कार्टून गैलरी

कार्टून गैलरी की साल गिरह
इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स की कार्टून गैलरी की आठवीं सालगिरह ६ जून, २०१५ को मनाई जा रही है। इसी अवसर पर माया कामथ मेमोरियल पुरस्कार- २०१४ भी दिए जाएंगे। आप सादर आमन्त्रित हैं
वीजी नरेन्द्र, ट्रस्टी प्रबंधक, इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, बंगलुरु, 
1, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन, एम.जी.रोड, बंगलूर 560001 
फोन: 080-41758540, मोबाइल: 9980091428 
वेब स्थल: www.cartoonistsindia.com 
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com 
cartoonistsindia@gmail.com 
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बुधवार, 13 मई 2015

सम्मान

बीजी वर्मा का सम्मान
कार्टूनिस्ट बीजी वर्मा को  केरल कार्टून अकादमी और एर्णाकुलम प्रेस क्लब सम्मानित किया जा रहा है। वे कार्टूनिस्ट शंकर के प्रिय शिष्यों में से एक रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से शंकर की साप्ताहिक पत्रिका और सीबीटी पुस्तकों के माध्यम से कार्टूनिंंग के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया। इसलिए उन्हें सम्मानित करना गौरव की बात है।
स्थान: एर्णाकुलम प्रेस क्लब 
दिनांक: 24/05/2015
समय: 3:30 आप सभी का स्वागत है।
सुधीर नाथ एनबी
सचिव, केरल कार्टून अकादमी
मो.: 09968996870 (दिल्ली) 
09495161130 (केरल) ता: केरल कार्टून अकादमी, सी /फ़ोटोगिफ़्ट, 28/440 बी ओ, अनघा, क्लब रोड, गिरि नगर, कोच्चि-682,020, केरल / भारत

गुरुवार, 7 मई 2015

विदेशी कार्टून

विदेशी कार्टून प्रदर्शनी
इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, बंगलुरु की कार्टून गैलरी में 16 मई 2015 को विदेशी कार्टून प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। आप सादर आमन्त्रित हैं।
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वीजी नरेन्द्र, ट्रस्टी प्रबंधक, इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स, बंगलुरु, 
1, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन, एम.जी.रोड, बंगलूर 560001 
फोन: 080-41758540, मोबाइल: 9980091428 
वेब स्थल: www.cartoonistsindia.com 
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com 
cartoonistsindia@gmail.com 
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गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

गोपलू

कार्टूनिस्ट गोपलू नहीं रहे 
जानेमाने कार्टूनिस्ट एस. गोपालन (गोपलू) का निधन हो गया। लगभग ६ दशकों तक उन्होंने अपने पाठकों को अपने बनाये कार्टून और चित्रों से मन्त्रमुग्ध किये रखा।
सन १९२४ में जन्मे एस.गोपालन (Gopulu) की २९ अप्रैल २०१५ की मृत्यु हो गयी। एक तमिल कार्टूनिस्ट-चित्रकार के रूप में उन्हें तमिल हास्य पत्रिका आनंद विकटन के लिए किये गये अपने काम के लिए जाना जाता है। 
१९२४ में तंजौर में जन्मे गोपालन ने गोपलू शहर में अपने प्रारंभिक वर्ष बिताये। उन्होंने कला के कुंभकोणम स्कूल में अध्ययन किया। १९४१ में, वह आनंद विकटन पत्रिका में एक नौकरी की तलाश में चेन्नई आये। वहां उनकी मुलाकात सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट 'माली' से हुई। वहाँ उन्हें पत्रिका के दीपावली विशेषांक के लिए चित्र बनाने को कहा गया। उनका काम देखकर माली ने पत्रिका में गोपलू को एक नौकरी का प्रस्ताव रखा। बात शायद दिसंबर १९४४ की है। लगभग बीस वर्षों के दौरान 1968 तक गोपलू ने पत्रिका के लिए राजनीतिक कार्टून, कवर डिजाइन, चित्र आदि विविध कार्य किये। गोपलू ने तिल्लाना मोहनम्बल (Thillana Mohanambal और वाशिंगटन तिरुमनम (Washingtonil Thirumanam) के रूप में लोकप्रिय टीवी धारावाहिकों के लिए काम किया। उन्हें लेखक देवेन के साथ कॉमिक्स थप्परियम सम्बु (Thuppariyum Sambu) के लिए भी जाना जाता है। लेखक सावी (Saavi) के साथ उनकी १९५३-५४ में की गयी अजंता, एलोरा, दिल्ली, जयपुर, कलकत्ता आदि की यात्राएं भी अविस्मर्णीय हैं। १९७२ में गोपलू ने अपनी ही विज्ञापन एजेंसी ’एड वेव’ शुरू की। उन्होंने कहा कि तमिल पत्रिका कुंगमम (Kungumam) और सन टीवी का लोगो तैयार किया। बाद में वह विज्ञापन एजेंसी छोड़ दी और कल्कि,  अमुधासुरभि (Amudhasurabhi), विकटन और कुंगुमम (Kungumam) के रूप में पत्रिकाओं के लिए एक स्वतंत्र चित्रकार के रूप में काम करने लगे।
Gopulu मुरासोली पुरस्कार और एमए चिदंबरम चेट्टियार पुरस्कार प्राप्त हुए। २६ नवंबर, १९९१ को तमिलनाडु सरकार द्वारा कलाईममणि (Kalaimamani) का पुरस्कार दिया गया था। सन २००१ में में उन्होंने इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स (बंगलुरू) में (Indian Institute of Cartoonists, Bangluru) के उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्टून न्यूज़ हिन्दी की ओर से नमन! भगवान उसकी आत्मा को शांति दे ... 






http://www.thehindu.com/fr/2005/05/20/stories/2005052000110300.htm

मंगलवार, 28 अप्रैल 2015

केरल कार्टून अकादमी

सन् २०१५-२०१७ के केरल कार्टून अकादमी के पदाधिकारी
प्रसन्नन अनिक्काड और सुधीर नाथ
अध्यक्ष: प्रसन्नन अनिक्काड (
उपाध्यक्ष: उन्नीकृष्णन और जयराज वेल्लूर
सचिव: सुधीर नाथ एनबी
संयुक्त सचिव: मनोज मेथसेरी (Manoj Mathaserry)
कोषाध्यक्ष: एमएस मोहनचन्द्रन (MS Mohanachandran)
कार्यकारी समिति के सदस्य
अरविन्दन (Aravindan), राजेन्द्र कुमार (Rejeendra Kumar), अनूप राधाकृष्णन (Anoop Radhakrushnan), रितेश रवि (Rethish  Ravi), नौशाद के यू (Naushaad KU), सुरेश  दाविची (Suresh Davichi ), अनिल वेगा (Anil Vega), सुरेन्द्रन वाराचल (Surendra Varachal), सुरेश के.के. (Suresh KK), अब्बा वजूर (Abba Vazoor)
सचिव, केरल कार्टून अकादमी, मो. 09968996870 (दिल्ली) 09495161130 (केरल)
केरल कार्टून अकादमी, सी /फ़ोटोगिफ़्ट, 28/440 बी ओ, अनघा, क्लब रोड, गिरि नगर, कोच्चि-682020 केरल / भारत

बुधवार, 22 अप्रैल 2015

मुस्कान

मैथ्यू के साथ मुस्कान
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इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स (बंगलौर) की गैलरी में जल्दी ही एक कार्टून प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। भारत में जन्मे अमेरिकी कार्टूनिस्ट मेल्विन मैथ्यू की ‘मैथ्यू के साथ मुस्कान’ प्रदर्शनी
२५ अप्रैल से ९ मई २०१५ तक आयोजित होगी। आप सादर आमन्त्रित हैं।

वीजी नरेन्द्र, प्रबंधक ट्रस्टी, इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स,
१, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्ड गार्डन,
एमजी रोड, बंगलौर-५६०००१
फोन: ०८०-४१७५८५४०, मोबाइल: ९९८००९१४२८ 
वेबसाइट: www.cartoonistsindia.com
ई-मेल: info@cartoonistsindia.com
            cartoonistsindia@gmail.com

बुधवार, 8 अप्रैल 2015

चार्ली चैप्लिन

चार्ली चैप्लिन के रूप
अपने बनाए चार्ली चैप्लिन के कार्टून, कैरीकेचर, रेखांकन आदि भेजिए, मगर १५ अप्रैल २०१५ तक- cartoonistsudheer@gmail.com

कार्टून प्रतियोगिता

माया कामथ मेमोरियल पुरस्कार- २०१४ 
प्रतियोगिता के परिणाम
आईआईसी  (इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स) हाल ही में आयोजित माया कामथ मेमोरियल पुरस्कार प्रतियोगिता २०१४ के परिणाम की घोषणा की है। प्रतियोगिता हेतु सर्वश्रेष्ठ विदेशी कार्टून पुरस्कार के लिए राजनीतिक कार्टूनिंग, सर्वश्रेष्ठ नवोदित कार्टूनिस्ट पुरस्कार के लिए ४४ और ५३ में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार के लिए भारतीय कार्टूनिस्टों से ९१ प्रविष्टियां प्राप्त हुई थीं। पुरस्कार गैलरी में ६ जून २०१३ को वितरित किए जाएगे। चयनित प्रविष्टियों की एक प्रदर्शनी भी इस अवसर पर आयोजित की जाएगी।
राजनीतिक कार्टूनिंग- २०१४ में उत्कृष्टता के लिए एम के एम पुरस्कार
१. पुरस्कार सतीश आचार्य, कुंदापुर, कर्नाटक २५०००
२. पुरस्कार कांतेश बादीगर, बंगलौर- १५००० रुपये
३. पुरस्कार रोहन चक्रवर्ती, नागपुर- ५००० रुपये
रुपये की विशेष जूरी सराहना पुरस्कार- २५०० रुपये
१. गजानन घोंंघडे, अकोला, २. साहिल भाटिया, दिल्ली, 3. तन्मय त्यागी, नयी दिल्ली
सर्वश्रेष्ठ विदेशी कार्टून-2014
१. पाओलो डेल्पोन्टे (Paolo Dalponte) , इटली- यूएस $ २००, २. बेहज़ाद गफ़्फ़ारी (Behzad Ghafari), कनाडा- यूएस $ १००
मेरिट प्रमाण पत्र
१. लक डेस्कीमेकर (Luc Descheemaekar), बेल्जियम २. जोवन प्रोकोपिजेविक (Jovan Prokopijevic), सर्बिया
३. जॉर्जीव्स्की मीरो (Georgievski Miro), मैसिडोनिया
सर्वश्रेष्ठ नवोदित कार्टूनिस्ट-२०१४
मिस ली जॉन (Lee John), Pottamkulam, केरल १०००० रुपए
जूरी की राय
MKMA की जूरी द्वारा गैलरी में १ अप्रैल २०१५ को प्रविष्टियों पर निर्णय लिया गया। इस प्रतियोगिता में दूर सर्बिया, क्रोएशिया, ईरान, साइप्रस, इटली और मैसेडोनिया जैसे देशों से, दुनिया भर से प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। यह सचमुच बहुत सुखद और संतुष्टिदायक था। विशेष रूप से इंटरनेशनल अनुभाग में प्रविष्टियों की गुणवत्ता बहुत अच्छी थी। भारतीय प्रविष्टियां भी श्रेष्ठ थीं।
जूरी ने इस प्रतियोगिता को एक अंतरराष्ट्रीय घटना बनाने में श्री वीजी नरेन्द्र (प्रबन्ध न्यासी, आईआईसी) के द्वारा किए गए कार्य की सराहना की।
(जूरी में श्री गिरीश कर्नाड ने कहा, नाटककार और अभिनेता, श्री एसजीवी वासुदेव, जानेमाने कलाकार और श्री बीजी गुज्जरप्पा वरिष्ठ कार्टूनिस्ट भी शामिल है।)
टीसी चन्दर
सतीश आचार्य

कांतेश बादीगर
रोहन चक्रवर्ती



जूरी की विशेष पसन्द
    



शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

राजेन्द्र पुरी

राजेन्द्र पुरी नहीं रहे


 






कार्टून न्यूज़ हिन्दी और कार्टूनिसस्ट चन्दर का नमन!
(अस्वस्थ होने के कारण कुछ समय से मैं समाचार-सामग्री नहीं प्रेषित कर पा रहा हूं सो माफ़ी- चन्दर) 

सोमवार, 26 जनवरी 2015

कार्टूनिस्ट लक्ष्मण

कार्टूनिस्ट लक्ष्मण नहीं रहे 
94 साल के लक्ष्मण लंबे समय से बीमार थे। उन्हें पुणे के दीनानाथ मंगेशकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां वह कुछ दिन से आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गए थे। सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। पांच दशकों से अधिक समय से लक्ष्मण ने अपने कार्टून कैरेक्टर 'कॉमन मैन' के जरिए समाज के तमाम पहलुओं को उकेरा था। राजनीतिक मसलों पर उनके बनाए कार्टून बहुत मशहूर हुए थे। हालांकि बाद में उन्होंने राजनीतिक मसलों पर कार्टून बनाना बंद कर दिया था। उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। लक्ष्मण के करीबी कैलाश भिंगारे ने बताया था, 'साल 2010 में वह लकवे की चपेट में आ गए थे। लकवे से उनके शरीर का दायां हिस्सा प्रभावित हुआ था और उन्हें बोलने में दिक्कत भी होती थी।' भिंगारे के मुताबिक, भले ही लक्ष्मण लकवे की वजह से बोल नहीं पाते थे लेकिन उन्होंने कार्टून बनाना और स्केचिंग जारी रखी थी। इसमें उनका प्रिय कैरक्टर 'कॉमन मैन' भी शामिल होता था। लक्ष्मण को यूरिनल इंफेक्शन की शिकायत के बाद हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। लक्ष्मण के कई अंग फेल के होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर के सहारे रखा गया था।  लक्ष्मण के इलाज कर रहे डॉ. समीर जोग ने उनकी हालत बहुत नाजुक बताई थी। जोग के मुताबिक लक्ष्मण के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। जोग के मुताबिक लक्ष्मण को पहले से ही कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। पहले वह फेफड़ों में संक्रमण से जूझ रहे थे और उनकी किडनी भी खराब हो गई थी।'  
समाज के पहलुओं पर उकेरे कार्टूनः 24 अक्टूबर 1921 को मैसूर में जन्मे रासीपुरम कृष्णस्वामी लक्ष्मण ने पांच दशकों से अधिक समय से अपने कार्टून कैरेक्टर 'कॉमन मैन' के जरिए समाज के तमाम पहलुओं को उकेरा था। उन्होंने सहयोगी अखबार- टाइम्स ऑफ इंडिया में 50 से ज्यादा वर्षों तक काम किया। राजनीतिक मामलों पर बनाए गए उनके कार्टून बहुत मशहूर हुए। उन्होंने कई नॉवेल लिखने के अलावा एशियन पेंट्स ग्रुप के लिए एक ऐंबलम भी बनाया था। उनके कार्टूनों को मिस्टर ऐंड मिसेज 55 नाम के हिंदी सीरियल में दिखाया गया था। उनकी रचनाओं में वे कार्टून भी थे जो उनके नॉवेल मालगुड़ी डेज में शामिल किए गए थे, जिस पर दूरदर्शन पर एक टीवी सीरियल भी इसी नाम से प्रसारित हुआ। सब टीवी पर भी आर के लक्ष्मण की दुनिया सीरियल भी काफी फेमस रहा था। 
क्रिकेट और स्केचिंगः लक्ष्मण अपने 6 भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके पिता मैसूर में एक स्कूल चलाते थे। स्कूल में पीपल के पत्ते का स्केच बनाकर मिली शाबाशी के बाद उन्होंने कार्टूनिस्ट बनने की ठान ली। लक्ष्मण स्थानीय क्रिकेट टीम रफ ऐंड टफ ऐंड जॉली के कैप्टन भी थे। मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में जब उनकी ऐप्लिकेशन रिजेक्ट हो गई तो उन्होंने मैसूर यूनिवर्सिटी से बीए किया और इसी दौरान स्वराज अखबार में उनके कार्टून छपते रहे। एक कार्टूनिस्ट के तौर पर मुंबई के द फ्री प्रेस जर्नल में उनकी नौकरी लगी, जहां बाल ठाकरे उनके साथी थे। इसके बाद 1951 से टाइम्स ऑफ इंडिया के पहले पेज पर कॉमन मैन कैरेक्टर 'यू सेड इट' टाइटल के साथ छपता रहा है।  
पत्नी ही थी इकलौती स्टारः फिल्म ऐक्ट्रेस और पहली पत्नी कुमारी कमला से तलाक होने के बाद लक्ष्मण ने एक लेखिका से दूसरी शादी की, जिनका नाम भी कमला ही था। मैगजीन फिल्मफेयर के एक कॉलम में उन्होंने अपनी पत्नी का कार्टून बनाया था, जिसका टाइटल था- द स्टार ओनली आई हैव मेट। उनके कटाक्ष भरे कार्टूनों के लिए सरकार ने साल 2005 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसके अलावा कॉमन मैन पर 1988 में एक टिकट भी जारी किया गया था। पुणे में साल 2001 में कॉमन मैन कार्टून की 8 फुट की एक प्रतिमा भी लगाई गई है।
लक्ष्मण के करीबी कैलाश भिंगारे ने बताया था, 'साल 2010 में वह लकवे की चपेट में आ गए थे। लकवे से उनके शरीर का दायां हिस्सा प्रभावित हुआ था और उन्हें बोलने में दिक्कत भी होती थी।' भिंगारे के मुताबिक, भले ही लक्ष्मण लकवे की वजह से बोल नहीं पाते थे लेकिन उन्होंने कार्टून बनाना और स्केचिंग जारी रखी थी। इसमें उनका प्रिय कैरक्टर 'कॉमन मैन' भी शामिल होता था।


 साभार: नभाटा

कार्टूनेचर फ़ीचर सेवा

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