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सोमवार, 1 अक्तूबर 2012

कार्टून प्रदर्शनी





एसडी फड़नीस के कार्टूनों की प्रदर्शनी बंगलोर में 
देश-दुनिया के जानेमाने वरिष्ट कार्टूनिस्ट श्री एसडी फड़नीस के कार्टूनों की एक प्रदर्शनी  'फड़नीस के साथ हंसी' (लाफ़ विद फ़ड़नीस) इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स (आईआईसी) द्वारा बंगलोर में आयोजित की जा रही है। आप सभी कार्टूनिस्ट और कार्टून प्रेमी सादर आमन्त्रित हैं।
दिनांक 1 से 13 अक्टूबर, 2012 को (रविवार अवकाश)
•  इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स,
नं. १, मिडफ़ोर्ड हाउस, मिडफ़ोर्द गार्डन, ऑफ़ एमजी रोड, बंगलोर- ५६०००१ (कर्नाटक), भारत  Iफ़ोन +९१ ८० ४१७५८५४०, ९९८००९१४२८  ई-मेल-   e-mail: info@cartoonistsindia.com   वेबसाइट- www.cartoonistsindia.com
कार्टूनिस्ट एसडी फड़नीस 
भाषा, क्षेत्र या वर्ग की सीमाओं से परे कार्टूनिस्ट फड़नीस के मूक कार्टून घर-बाहर की रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य खोज लाने में सक्षम हैं। वास्तविक चित्रण का आभास देने वाला उनका चित्रण सचमुच अनूठा और आनन्ददायक है।
एसडी फड़नीस के रूप में लोकप्रिय शिवराम दत्तात्रेय फड़नीस 29 जुलाई, 1925 को भोज, जिला बेलगाम में पैदा हुए थे। सर जे.जे.इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लाइड आर्ट, मुम्बई में उन्होंने अपनी औपचारिक कला शिक्षा प्राप्त की। वे भारत के एक जानेमाने कार्टूनिस्ट इलस्ट्रेटर है। उनके मूक कार्टून देश-दुनिया और भाषा की बाधाओं से परे हैं और बिना भेदभाव के सभी कार्टून प्रेमियों को आनन्द और प्रेरणा देने वाले हैं।
भाषा, क्षेत्र या वर्ग की सीमाओं से परे उनके मूक कार्टून घर-बाहर की रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य खोज लाने में सक्षम हैं। वस्तविक चित्रण का आभास देने वाला उनका चित्रण सचमुच अनूठा और आनन्ददायक है।
उनके कार्य की प्रस्तुति ‘लाफ़िंग गैलरी’ दुनिया भर में 20 शहरों में 40 से अधिक वर्षों बड्मेंची उत्सुकता और रुचि के साथ देखी गयी है। 

कलाकार फ़डनीस के मूल बहुरंगी कार्टून इन प्रदर्शनियों में प्रदर्शित किये गये हैं। इन वर्षों में ‘लाफ़िंग गैलरी’ हास्य के साथ एक किंवदंती बन गयी है और आगंतुकों ने इसे बहुत पसन्द किया है। ‘लाफ़िंग गैलरी’ भारत में पुणे, मुंबई, नयी दिल्ली, बंगलौर, हैदराबाद और विदेशों में न्यूयॉर्क तथा लंदन आदि में प्रदर्शित की गयी है।
‘चित्रहास’ शो के माध्यम से फ़ड़नीस वहां उपस्थित दर्शकों को कार्टून बनाने की प्रक्रिया समझाते रहे हैं। ९० मिनट के इस कार्यक्रम में वे काफ़ी कार्टून बनाते है। कार्टून प्रेमियों को भलीभांति समझाने के लिए वे अपने कार्टूनों का रंगीन स्लाइड शो भी कार्यक्रम में शामिल करते हैं। 
जहां ‘चित्रहास’ दुनिया भर में अनेक महानगरों में प्रस्तुत किया गया है, वहीं भारत के छोटे-बड़े शहरों मे भी प्रस्तुत किया गया है। क्लब और सांस्कृतिक संगठनों के लिए यह शो प्रस्तुत कराना काफ़ी पसन्द आया क्योंकि इसमें दृश्य-श्रव्य (ऑडियो-विज़ुअल) उपकरण और अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था खुद फ़ड़नीस की ओर से रहती थी जो उन्हें बहुत सुविधाजनक लगता था।
फड़नीस ने1952 के बाद से हर साल के लिए मराठी पत्रिका ‘मोहिनी’ के दीवाली विशेषाकों के कवर का डिजाइन किया है। उन्हें ‘इण्डियन इण्स्टीट्यूट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स’ द्वारा जून 2001 में 'लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड' से सम्मानित किया गया।
उनके अनेक कार्टून मॉन्ट्रियल इंटरनेशनल सैलून द्वारा प्रकाशित और प्रदर्शित किये गये हैं। वे फ्रेंकफर्ट पुस्तक मेले में ‘भारतीय कार्टून’ प्रदर्शनी में शामिल होने के लिए निमन्त्रित किये गये थे। उनके अनेककार्टून अमरीका और जर्मनी की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकशितहो चुके हैं।
उन्होंने शकुंतला से शादी की है और उनकी दो पुत्रियां हैं। वे पुणे में रहते है।

1951: ‘हंस’ पत्रिका पर पहला हास्य आवरण।
1952: ‘मोहिनी’ पत्रिका के दीवाली विशेषांक का पहला विनोदी आवरण।
1954: कमर्शियल आर्टिस्ट्स’ गिल्ड (सीएजी), मुम्बई द्वारा आउटस्टेण्डिंग एडीटोतियल अवार्ड प्रदान किया गया। 
1965: जहांगीर आर्ट गैलरी, मुंबई में उनके मूल रंगीन कार्य की पहली प्रदर्शनी आयोजित।
1966: नयी दिल्ली में आयोजित ‘लाफ़िंग गैलरी’ का पूर्व भारतीय राष्ट्रपति जाकिर हुसैन द्वारा उद्घाटन किया.
1970: उनके चुने हुए कार्टूनों की पहली पुस्तक प्रकाशित।
1987: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के राष्ट्रीय टेलीविजन पर एसडी 'फड़नीस के कार्यक्रम प्रसारित।
1997: ‘चित्रहास’ और ‘लाफ़िंग गैलरी’ की अमरीका और बिटेन की यात्रा। 
2000: सु. ला  गडरे मातोश्री पुरस्कार, मुम्बई।
2000: मार्मिक पुरस्कार, मुंबई।
2000: रवि परांजपे फाउंडेशन पुरस्कार, पुणे।

2001: इण्डियन इण्स्टीटुट ऑफ़ कार्टूनिस्ट्स , बंगलौर द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड।
2006: फ्रैंकफर्ट विश्व पुस्तक मेले में प्रदर्शनी 'भारत से कार्टून' में आमंत्रित भागीदार।
2011: टीवी चैनल आईबीएन लोकमत 'ग्रेट भैंट' श्रृंखला में साक्षात्कार (चित्रों के साथ)।
2011: ‘हंस’ प्रकाशन द्वारा पहला हंस पुरस्कार।
2011: 'जीवन गौरव पुरस्कार' इंटरनेशनल लॉजेविटी सेण्टर, भारत द्वारा।
2012: एसडी फड़नीस द्वारा लिखित पुस्तक ‘रेशतान’ (Reshatan) के लिए 'महाराष्ट्र साहित्य परिषद पुरस्कार'।
• टी.सी. चन्दर

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