अखबार और कार्टून
मुद्दे की बात यह है कि हर अखबार-पत्रिका में एकाधिक कार्टून अनिवार्य रूप से छपने चाहिए। इसके लिए एक सजग पाठक और कार्टून प्रेमी होने के नाते के नाते आप जो अखबार लेते हैं उसे नियमित रूप से अलग-अलग कार्टूनिस्टों के बनाए अधिक कार्टून छापने के लिए पत्र लिखें, ई-मेल करें... लिखते रहें,करते रहें।
आज का अखबार देखा। कई बार सोचा कि विज्ञापन और पठनीय (?) सामग्री का अनुपात देखा जाए। २ रुपये से ४.५० रुपये में बदले हुए दिल्ली के दैनिक हिन्दुस्तान में आज २०+४ (मूवी मैज़िक- कुछ छोटे आकार के पृष्ठ)+१० (सर्च इंजन- वर्गीकृत/डिस्प्ले विज्ञापन)=३४ पृष्ठ हैं। कुल मुद्रित क्षेत्र (प्रिण्ट एरिया) है- लगभग ५६६८९२ वर्ग सेमी.। इसमें विज्ञापन ३३४७७.७ वर्ग सेमी क्षेत्र में छपे हैं, जब कि पठनीय (?) सामग्री २३२११.५ वर्ग सेमी. छपी है। इस तरह अखबार में लगभग ५९.०५ % विज्ञापन हैं और ४०.९५% सामग्री। यह सिर्फ़ एक अखबार के एक संस्करण की तस्वीर है।
पूरे अखबार में सम्पादकीय पृष्ठ पर एक कार्टून है। पहले पन्ने का पॉकेट कार्टून बन्द कर दिया गया है। भीतर एक कार्टून छपता है छपता है जो प्राय: गायब रहता है। फ़िल्म-टीवी और ऐसी ही तमाम सामग्री आवश्यक रूप से मौजूद रहती है- पाठकों की रुचि के नाम पर। रविवारीय अंक का पहले इन्तज़ार रहता थ, उसे प्राय: संजोकर रखा जाता था। और अब, रविवार को मैं सबसे पहले अपने अखबार के परिशिष्ट ‘मूवीमैज़िक’ को अखबार से निकालकर दूर रख देता हूं। एक पाठक के नाते मैं ऐसा कर सकता हूं।
क्या साधन सम्पन्न इस अखबार में देश के कुछ कार्टूनिस्टों के गैर राजनीतिक यानी पारिवारिक सामाजिक नहीं छापे जा सकते! कमोवेश यही हाल देश के अन्य छोटे-बड़े अखबारों का भी है। सभी ‘पाठकों की पसन्द’ की सामग्री छाप रहे हैं और पता नहीं इन्हें पाठकों की पसन्द पता कैसे चलती है?
मुद्दे की बात यह है कि हर अखबार-पत्रिका में एकाधिक कार्टून अनिवार्य रूप से छपने चाहिए। इसके लिए एक सजग पाठक और कार्टून प्रेमी होने के नाते के नाते आप जो अखबार लेते हैं उसे नियमित रूप से अलग-अलग कार्टूनिस्टों के बनाए अधिक कार्टून छापने के लिए पत्र लिखें, ई-मेल करें... लिखते रहें,करते रहें।
हो सकता है आपको लगे मैं स्वार्थी हूं और मैं अपनी बात थोप रहा हूं। बिल्कुल, मैं स्वार्थी हूं- कार्टून, कार्टून कला और कार्टूनिस्टों के हित में (इनमें मैं भी शामिल हूं) मुझे यह भी स्वीकार है! आप साथ हैं तो आप और हम मिलकर स्थिति बदल सकते हैं।
(ऊपर दिए आंकड़े अनुमानित हैं इन्हें मानक न मानें- बस थोड़ी जानकारी साझा करने के लिए सिर खपाई की गयी है।)
• कार्टूनिस्ट चन्दर
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कार्टून न्यूज़ हिन्दी
रविवार, 30 सितंबर 2012
परहेज
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शनिवार, 29 सितंबर 2012
कार्टून प्रतियोगिता
जलवायु परिवर्तन और हिमालय
युवाओं के लिए विशेष कार्टून प्रतियोगिता
‘जलवायु परिवर्तन और हिमालय’ विषय पर १८-३५ वर्ष आयु वर्ग के लिए एक कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
हर प्रविष्टि के साथ प्रतिभागी की आयु का प्रमाण पत्र, डाक का पूरा पता और फ़ोन नम्बर अवश्य होना चाहिए। ‘जलवायु परिवर्तन और हिमालय’ विषय पर भेजी जाने वाली प्रविष्टि मूल रूप में भेजी जानी चाहिए और वह ए-३ आकार यानी २९.७x४२ सेमी. (ए-४ आकार- २९.७x२१ सेमी. का दुगुना) में होनी चाहिए।
प्रविष्टि भेजने की अन्तिम तिथि- २५ अक्टूबर, २०१२
परिणाम- १ नवम्बर, २०१२
प्रविष्टियां इस पते पर भेजें-
The Organizing Secretary, Climate Change Informatics, CSIR-NISCAIR, Dr. K.S. Krishnan Marg, New Delhi-110012
युवाओं के लिए विशेष कार्टून प्रतियोगिता
‘जलवायु परिवर्तन और हिमालय’ विषय पर १८-३५ वर्ष आयु वर्ग के लिए एक कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
हर प्रविष्टि के साथ प्रतिभागी की आयु का प्रमाण पत्र, डाक का पूरा पता और फ़ोन नम्बर अवश्य होना चाहिए। ‘जलवायु परिवर्तन और हिमालय’ विषय पर भेजी जाने वाली प्रविष्टि मूल रूप में भेजी जानी चाहिए और वह ए-३ आकार यानी २९.७x४२ सेमी. (ए-४ आकार- २९.७x२१ सेमी. का दुगुना) में होनी चाहिए।
प्रविष्टि भेजने की अन्तिम तिथि- २५ अक्टूबर, २०१२
परिणाम- १ नवम्बर, २०१२
प्रविष्टियां इस पते पर भेजें-
The Organizing Secretary, Climate Change Informatics, CSIR-NISCAIR, Dr. K.S. Krishnan Marg, New Delhi-110012
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गुरुवार, 27 सितंबर 2012
श्रद्धांजलि
कार्टूनिस्ट डॉ. सतीश श्रृंगेरी का निधन
लोकप्रिय कन्नड़ कार्टूनिस्ट और आयुर्वेद चिकित्सक सतीश श्रृंगेरी का आज सुबह (२७ सितम्बर, २०१२ को) फ़ेंफ़ड़ों से जुड़ी संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी आयु केवल ४४ वर्ष थी। कला-कार्टूनकला में उनकी बचपन से ही रुचि रही। अभिनव रामानन्द हाई स्कूल (किग्गा), जो श्रंगेरी के निकट एक दूरस्थ गांव है, में पढ़ाई के दौरान उन्होंने ड्रॉइंग का खूब अभ्यास किया और बहुत से कार्टून-कैरीकेचर बनाए। उन्होंने कार्टून कला सिखाने के लिए भी प्रयास किया। वह श्री जगद्गुरु चंद्रशेखर भारती मेमोरियल कॉलेज, श्रृंगेरी, और एएलएन राव मेमोरियल आयुर्वेद कॉलेज, गडग में कॉलेज के दिनों के दौरान भी उन्होंने अपना जुनून जारी रखा। आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातकोत्तर डॉ. सतीश ने स्वतन्त्र रूप से चिकित्सा कार्य शुरू करने से पहले कुछ समय एक शिक्षक के रूप में कार्य किया और एक दवा कंपनी के साथ एक वैज्ञानिक के रूप में भी उन्होंने काम किया। कर्नाटक के कन्नड़ दैनिक समाचार पत्र दैनिक ‘संयुक्त कर्नाटक’ के लिए डॉ. सतीश ने व्यंग्य और हास्य से सराबोर नियमित रूप से कार्टून बनाये। उन्होंने अपने बनाये कार्टूनों की प्रदर्शनी भी आयोजित की। उनके परिवार में माता, पिता, पत्नी, एक बेटा, एक भी और एक बहिन हैं। उनके व्यवहार और उनके काम को सदा याद रखा जाएगा। कार्टून न्यूज़ हिन्दी, केरल कार्टून अकादमी और इनसे सम्बद्ध कार्टूनिस्टों को उनके असामयिक निधन से बहुत दु:ख हुआ है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और सभी परिजन-मित्रों को यह दु:ख सहने की सामर्थ्य दे!
• टी.सी. चन्दर
डॉ. सतीश का कार्य देखने हेतु लिन्क पर क्लिक करें-
श्रृंगेरी कार्टून्स कैरीकेचर इण्डिया फ़ेसबुक
Shraddhanjali Dr DrSatish Sringeri
Shocked to hear about the death of popular Kannada cartoonist Dr.Satish Sringeri, from his brother Raghupathi Sringeri. He was 44 and died due to lungs disease. In spite of his busy medical practice, he continued his love for cartooning art by drawing for Kannada dailies and magazines. We'll badly miss his cartoon pills.
• कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य/फ़ेसबुक में
लोकप्रिय कन्नड़ कार्टूनिस्ट और आयुर्वेद चिकित्सक सतीश श्रृंगेरी का आज सुबह (२७ सितम्बर, २०१२ को) फ़ेंफ़ड़ों से जुड़ी संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी आयु केवल ४४ वर्ष थी। कला-कार्टूनकला में उनकी बचपन से ही रुचि रही। अभिनव रामानन्द हाई स्कूल (किग्गा), जो श्रंगेरी के निकट एक दूरस्थ गांव है, में पढ़ाई के दौरान उन्होंने ड्रॉइंग का खूब अभ्यास किया और बहुत से कार्टून-कैरीकेचर बनाए। उन्होंने कार्टून कला सिखाने के लिए भी प्रयास किया। वह श्री जगद्गुरु चंद्रशेखर भारती मेमोरियल कॉलेज, श्रृंगेरी, और एएलएन राव मेमोरियल आयुर्वेद कॉलेज, गडग में कॉलेज के दिनों के दौरान भी उन्होंने अपना जुनून जारी रखा। आयुर्वेद चिकित्सा में स्नातकोत्तर डॉ. सतीश ने स्वतन्त्र रूप से चिकित्सा कार्य शुरू करने से पहले कुछ समय एक शिक्षक के रूप में कार्य किया और एक दवा कंपनी के साथ एक वैज्ञानिक के रूप में भी उन्होंने काम किया। कर्नाटक के कन्नड़ दैनिक समाचार पत्र दैनिक ‘संयुक्त कर्नाटक’ के लिए डॉ. सतीश ने व्यंग्य और हास्य से सराबोर नियमित रूप से कार्टून बनाये। उन्होंने अपने बनाये कार्टूनों की प्रदर्शनी भी आयोजित की। उनके परिवार में माता, पिता, पत्नी, एक बेटा, एक भी और एक बहिन हैं। उनके व्यवहार और उनके काम को सदा याद रखा जाएगा। कार्टून न्यूज़ हिन्दी, केरल कार्टून अकादमी और इनसे सम्बद्ध कार्टूनिस्टों को उनके असामयिक निधन से बहुत दु:ख हुआ है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे और सभी परिजन-मित्रों को यह दु:ख सहने की सामर्थ्य दे!
• टी.सी. चन्दर
डॉ. सतीश का कार्य देखने हेतु लिन्क पर क्लिक करें-
श्रृंगेरी कार्टून्स कैरीकेचर इण्डिया फ़ेसबुक
Shraddhanjali Dr DrSatish Sringeri
Shocked to hear about the death of popular Kannada cartoonist Dr.Satish Sringeri, from his brother Raghupathi Sringeri. He was 44 and died due to lungs disease. In spite of his busy medical practice, he continued his love for cartooning art by drawing for Kannada dailies and magazines. We'll badly miss his cartoon pills.
• कार्टूनिस्ट सतीश आचार्य/फ़ेसबुक में
मंगलवार, 18 सितंबर 2012
आमन्त्रण
कार्टून/कैरीकेचर
प्रणब कार्टून व कैरीकेचर
प्रिय कार्टूनिस्ट बन्धु,
राजधानी दिल्ली में केरल कार्टून अकादमी द्वारा अक्टूबर, २०१२ में सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट कुट्टी की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें स्मरण करने हेतु एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आने के लिए देश के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब कुमार मुखर्जी ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
दो बरस पहले प्रधान मन्त्री श्री मनमोहन सिंह को भारतीय व विदेशी कार्टूनिस्टों द्वारा उन पर बनाये गये कैरीकेचर और कार्टूनों का संकलन भैंट किया गया था। इसी प्रकार भारत के प्रथम नागरिक को भी कार्टून अकादमी की ओर से पुस्तक के रूप में कार्टून-कैरीकेचर का एक विशेष संकलन भैंट किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस विशेष संकलन हेतु कृपया श्री प्रणब कुमार मुखर्जी को लेकर अपना बनाया हुआ कार्टून/कैरीकेचर (बड़े आकार व ३०० डीपीआई में) ३० सितम्बर, २०१२ तक अपने ताज़ा फ़ोटो और सम्पर्क विवरण के साथ अवश्य भेज दें।
डाक व ई-मेल पता है-
cartoonacademy@gmail.com
• SUDHEERNATH, (Cartoonist), 125, Bagbhan Apartment, GH/2, Sector-28, Rohini, Delhi - 110 042
PRANAB CARICATURES and CARTOONS
प्रणब कार्टून व कैरीकेचर
प्रिय कार्टूनिस्ट बन्धु,
राजधानी दिल्ली में केरल कार्टून अकादमी द्वारा अक्टूबर, २०१२ में सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट कुट्टी की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर उन्हें स्मरण करने हेतु एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में आने के लिए देश के माननीय राष्ट्रपति श्री प्रणब कुमार मुखर्जी ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है।
दो बरस पहले प्रधान मन्त्री श्री मनमोहन सिंह को भारतीय व विदेशी कार्टूनिस्टों द्वारा उन पर बनाये गये कैरीकेचर और कार्टूनों का संकलन भैंट किया गया था। इसी प्रकार भारत के प्रथम नागरिक को भी कार्टून अकादमी की ओर से पुस्तक के रूप में कार्टून-कैरीकेचर का एक विशेष संकलन भैंट किये जाने का निर्णय लिया गया है।
इस विशेष संकलन हेतु कृपया श्री प्रणब कुमार मुखर्जी को लेकर अपना बनाया हुआ कार्टून/कैरीकेचर (बड़े आकार व ३०० डीपीआई में) ३० सितम्बर, २०१२ तक अपने ताज़ा फ़ोटो और सम्पर्क विवरण के साथ अवश्य भेज दें।
डाक व ई-मेल पता है-
cartoonacademy@gmail.com
• SUDHEERNATH, (Cartoonist), 125, Bagbhan Apartment, GH/2, Sector-28, Rohini, Delhi - 110 042
PRANAB CARICATURES and CARTOONS
श्री प्रणब मुखर्जी से मिले राजधानी के कार्टूनिस्ट (१ सितम्बर, २०१२) |
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रविवार, 9 सितंबर 2012
असीम गिरफ़्तार
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रविवार, 2 सितंबर 2012
कार्टूनिस्ट
राष्ट्रपति से मिले राजधानी के कार्टूनिस्ट
राजधानी के कार्टूनिस्टों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केरल कार्टून अकादमी के कार्यक्रम समन्वयक के नेत्रत्व में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रभवन में आज (०१/०९/२०१२) भैंट की। अधिकांश कार्टूनिस्टों ने राष्ट्रपति को अपने द्वारा बनाये कैरीकेचर-कार्टून भैंट किये। अपने ऊपर बने तरह-तरह कार्टून-कैरीकेचर देखकार कई बार उनके चेहरे पर अनायास ही मुस्कान आ गयी।
केरल कार्टून अकादमी ने स्वर्गीय कार्टूनिस्ट की पहली पुण्यतिथि (२२ अक्टूबर, २०१२) के अवसर पर उनके स्मरण का कार्यक्रम बनाया है जिसके अक्टूबर, 2012 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित होने की आशा है। इस कार्यक्रम में आने के लिए उन्हें आमन्त्रित किया गया। कार्टूनिस्ट कुट्टी को लेकर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने के वे इच्छुक हैं।
मलयालम भाषी केपीएस कुट्टी केरल निवासी थे और उनके कार्टून बंग्ला अखबार में छपते थे। उन्हें बंला भाषा नहीं आती थी और अखबार मालिक मलयाम नहीं जानते थे। आपको याद होगा आनन्द बाज़ार पत्रिका समूह की चर्चित साप्ताहिक हिदी पत्रिका `रविवार' के अन्तिम पृष्ठ पर ‘कुट्टी का कार्टून’ छपता था जिसे तमाम पाठक सबसे पहले देखा करते थे। उन्होंने लगभग सात दशक जो कार्टून बनाए उनमें से कई कार्टूनों के पात्र वर्तमान राष्ट्रपति भी बने। ९० साल की आयु में अमरीका में उनकागत वर्ष निधन हो गया था।
केरल कार्टून अकादमी के पूर्व सचिव और अभी कार्यक्रम समन्वयक कार्टूनिस्ट सुधीर नाथ के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गये कार्टूनिस्टों के इस प्रतिनिधि मण्डल में वरिष्ठ कार्टूनिस्ट काक (प्रभासाक्षी), जयन्तो बनर्जी (हिन्दुस्तान टाइम्स), श्यामल बनर्जी (मिण्ट), चन्दर (कार्टूनपन्ना), जगजीत राणा (दै. जागरण), रोहनीत फ़ोर (इण्डियन एक्सप्रेस), सजीत कुमार (डेक्कन क्रॉनीकल), प्रसान्थ (भारतीय वर्तमान), शिजू जॉर्ज (स्वतन्त्र), मनोज कुरील (स्वतन्त्र) और सत्य गोविन्द (स्वतन्त्र) शामिल थे।
देखें- केरल कार्टून अकादमी केरल कार्टून अकादमी कार्टूनपन्ना
राजधानी के कार्टूनिस्टों के एक प्रतिनिधिमंडल ने केरल कार्टून अकादमी के कार्यक्रम समन्वयक के नेत्रत्व में भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से राष्ट्रभवन में आज (०१/०९/२०१२) भैंट की। अधिकांश कार्टूनिस्टों ने राष्ट्रपति को अपने द्वारा बनाये कैरीकेचर-कार्टून भैंट किये। अपने ऊपर बने तरह-तरह कार्टून-कैरीकेचर देखकार कई बार उनके चेहरे पर अनायास ही मुस्कान आ गयी।
केरल कार्टून अकादमी ने स्वर्गीय कार्टूनिस्ट की पहली पुण्यतिथि (२२ अक्टूबर, २०१२) के अवसर पर उनके स्मरण का कार्यक्रम बनाया है जिसके अक्टूबर, 2012 के अंतिम सप्ताह में दिल्ली में आयोजित होने की आशा है। इस कार्यक्रम में आने के लिए उन्हें आमन्त्रित किया गया। कार्टूनिस्ट कुट्टी को लेकर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में शामिल होने के वे इच्छुक हैं।
मलयालम भाषी केपीएस कुट्टी केरल निवासी थे और उनके कार्टून बंग्ला अखबार में छपते थे। उन्हें बंला भाषा नहीं आती थी और अखबार मालिक मलयाम नहीं जानते थे। आपको याद होगा आनन्द बाज़ार पत्रिका समूह की चर्चित साप्ताहिक हिदी पत्रिका `रविवार' के अन्तिम पृष्ठ पर ‘कुट्टी का कार्टून’ छपता था जिसे तमाम पाठक सबसे पहले देखा करते थे। उन्होंने लगभग सात दशक जो कार्टून बनाए उनमें से कई कार्टूनों के पात्र वर्तमान राष्ट्रपति भी बने। ९० साल की आयु में अमरीका में उनकागत वर्ष निधन हो गया था।
केरल कार्टून अकादमी के पूर्व सचिव और अभी कार्यक्रम समन्वयक कार्टूनिस्ट सुधीर नाथ के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिलने गये कार्टूनिस्टों के इस प्रतिनिधि मण्डल में वरिष्ठ कार्टूनिस्ट काक (प्रभासाक्षी), जयन्तो बनर्जी (हिन्दुस्तान टाइम्स), श्यामल बनर्जी (मिण्ट), चन्दर (कार्टूनपन्ना), जगजीत राणा (दै. जागरण), रोहनीत फ़ोर (इण्डियन एक्सप्रेस), सजीत कुमार (डेक्कन क्रॉनीकल), प्रसान्थ (भारतीय वर्तमान), शिजू जॉर्ज (स्वतन्त्र), मनोज कुरील (स्वतन्त्र) और सत्य गोविन्द (स्वतन्त्र) शामिल थे।
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